नए वर्ष में नए गीत हों
नए राग हों,नए क्षंद हों
भाषाओँ, मजहब के नामों
कभी वतन में जंग ना हों
जलकर खुद यूं रोज दिवाकर
जग को रोशन करता है
हम जुगनू ही सही
हौसले कभी हमारे मंद न हों
उत्तर-दक्षिण पूरब-पश्चिम
जहाँ कहीं हो मन घूमें
देशों की सीमाएं झूठी
उन्मुक्त उड़ाने बंद ना हों
मसला जब तय होना हो
दुनिया की भूखी जनता का
नेताओं के बीच कभी भी
होली सा हुरदंग न हो
प्रलय रोकना है तो हमको
मिलकर बृक्ष लगाने होंगे
ओजोन कवच के छेद कभी
भाषण बाज़ी से बंद न हों
एक बार पुनः ह्रदय की अनंत गहरायिओं में श्रजित शुभकामनाओं के साथ कामना करता हूँ की नव वर्ष २०१२ आपके जीवन में खुशियों का पर्याय बनकर आये ..सौभाग्य और सफलता आपके कदम चूमे...आप और आपका परिवार स्वस्थ और प्रसन्न रहते हुए प्रगति के नए सोपान तय करे ..इन्ही शब्दों के साथ ..............हमेशा ही आपका
डॉ आशुतोष मिश्र
निदेशक
आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी
बभनान, गोंडा, उत्तरप्रदेश
मोबाइल न० 9839167801