Wednesday 15 January 2014

(OB 29) पीना न तुम शराब ये आदत ख़राब है (BP 10)

221 2121 1221 212
पीना न तुम शराब ये आदत ख़राब है 
कहती है हर किताब ये आदत ख़राब है 
बदनाम तुमने कर दिया देखो शराब को 
पीते हो बेहिसाब ये आदत ख़राब है 

कोई सवाल पूछे बला से जनाब की
देते नहीं जवाब ये आदत ख़राब है

इक घूँट जिसने पी कभी कैसे कहे बुरा 
हरगिज न हो जवाब ये आदत ख़राब है

तकदीर से ये हुस्न मिला है तो क़द्र कर 
जाए न कर शबाव ये आदत ख़राब है
अब छोडिये गुजार दी शब् मयकशी में यूं 
कहते हैं सब गुलाब ये आदत ख़राब है 
वाइज मिला था यार मुझे मैकदे में  कल
पीकर कहे शराब ये आदत ख़राब है
पी मय को आशु झूंठ कोई बोलता नहीं
उसको कहा ख़राब ये आदत ख़राब है  
डॉ आशुतोष मिश्र 
आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी 
बभनान गोंडा ओ बी ओ 30

Friday 3 January 2014

(BP11) चर्चा में है ईमान अब भी जाग जाईये

चर्चा में है ईमान अब भी जाग जाईये 
मुश्किल में है सम्मान अब भी जाग जाईये 

जिसको न अभी है पता भूगोल देश का 
नेता है वो नादान अभी जाग जाईये 

बल्ला न छुआ जिसने हो जीवन में ही कभी 
बनना उसे कप्तान अब भी जाग जाईये 

खामोश हवा कर रही थी इंतज़ार ही 
वो बन गयी तूफान अब भी जाग जाईये 

कुर्सी ही जिसको इंसा से प्यारी है दोस्तों 
साजिस रचे शैतान अब भी जाग जाईये 

कश्ती ए वतन डूब ही जाए न दोस्तों 
प्यारी हो गर जो आन अब भी जाग जाईये 

बेटे का क्या है फर्ज वो सबको यहाँ पता 
माँ हो न परेशान अब भी जाग जाईये 

डॉ आशुतोष मिश्रा
आचार्य नरेद्र देव कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी
बभनान गोंडा 

लिखिए अपनी भाषा में