माल पचाओ सारा लेना नहीं डकार
जय सरकार
जी भर करो गरीबों पे तुम अत्याचार
जय सरकार
देशभक्त फाँसी पे छोडो सब गद्दार
जय सरकार
जो पद चाहे जिसे दिला दो वोट जुटाकर
जय सरकार
संसद के लिए सांसदों का सिक्कों से तोलो भार
जय सरकार
मिले साइकिल भले नहीं दो सबको कार
जय सरकार
जनता की गढ़ी कमाई से खूब खरीदो तुम हथियार
जय सरकार
अपना माल बिदेशों में रख करो देश पे खूब उधार
जय सरकार
गाँव गाँव मनरेगा लाकर कर दो सभी युवा बेकार
जय सरकार
करो घोटाले कोई आये बीच अगर दो उसको मार
जय सरकार
नारी महिमा गीत गाओ और करो देह व्यापार
जय सरकार
युवा बृद्ध बालक नर नारी मरते अब होकर बीमार
जय सरकार
जनता के रुपये से सिक्का बाट करो सबका उद्धार
जय सरकार
मिले नौकरी भले न डिग्री बाट करो शिक्षा व्यापार
जय सरकार
सड़क बनाके कागज पे कर लो डामर का पैसा पार
जय सरकार
बेतन बढ़ा सभी का सर पर भारी रख दो कर का भार
जय सरकार
बालकृष्ण को जेल भेज दो अफजल से कर आँखें चार
जय सरकार
भूखे तन में आग लगे सड़े अन्न का पारावार
जय सरकार
हिंद वतन में रोज हो रहा अब गायों का संहार
जय सरकार
माला खुद को पहनाकर कर लो अपनी जयजयकार
जय सरकार
डॉ आशुतोष मिश्र
निदेशक
आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी
बभनान,गोंडा उत्तरप्रदेश
मोबाइल न 9839167801
\
वाह.....
ReplyDeleteबेहतरीन रचना...
सादर
अनु
अच्छा कटाक्ष...
ReplyDeleteबढ़िया है डाक्टर साहब ||
ReplyDeleteसटीक सार्थक कटाक्ष,,,आशुतोष जी बधाई,,,
ReplyDeleteRECENT POST,,,इन्तजार,,,
जय सरकार ..:):) अच्छा कटाक्ष.
ReplyDeleteसटीक पंक्तियाँ
ReplyDeleteसही में ...जय सरकार :))))
ReplyDeleteगहरी चिन्ता, समाज की।
ReplyDeleteबहुत सटीक रचना है डॉ मिश्र। सरकार की काली करतूतों को बखूबी दर्शाया है।
ReplyDeleteजय सरकार,
ReplyDeleteवैसे है सरकार?
.
ReplyDeleteदेशभक्त फाँसी पे छोडो सब गद्दार
जय सरकार
सौ धिक्कार !
करो घोटाले कोई आये बीच अगर दो उसको मार
जय सरकार
सौ धिक्कार !
नारी महिमा गीत गाओ और करो देह व्यापार
जय सरकार
सौ धिक्कार !
बालकृष्ण को जेल भेज दो अफजल से कर आँखें चार
जय सरकार
सौ धिक्कार !
हम सब की पीड़ा उजागर हुई है आपकी रचना में
हज़ार बार आभार !!