चर्चा में है ईमान अब भी जाग जाईये
मुश्किल में है सम्मान अब भी जाग जाईये
जिसको न अभी है पता भूगोल देश का
नेता है वो नादान अभी जाग जाईये
बल्ला न छुआ जिसने हो जीवन में ही कभी
बनना उसे कप्तान अब भी जाग जाईये
खामोश हवा कर रही थी इंतज़ार ही
वो बन गयी तूफान अब भी जाग जाईये
कुर्सी ही जिसको इंसा से प्यारी है दोस्तों
साजिस रचे शैतान अब भी जाग जाईये
कश्ती ए वतन डूब ही जाए न दोस्तों
प्यारी हो गर जो आन अब भी जाग जाईये
बेटे का क्या है फर्ज वो सबको यहाँ पता
माँ हो न परेशान अब भी जाग जाईये
डॉ आशुतोष मिश्रा
आचार्य नरेद्र देव कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी
बभनान गोंडा
मुश्किल में है सम्मान अब भी जाग जाईये
जिसको न अभी है पता भूगोल देश का
नेता है वो नादान अभी जाग जाईये
बल्ला न छुआ जिसने हो जीवन में ही कभी
बनना उसे कप्तान अब भी जाग जाईये
खामोश हवा कर रही थी इंतज़ार ही
वो बन गयी तूफान अब भी जाग जाईये
कुर्सी ही जिसको इंसा से प्यारी है दोस्तों
साजिस रचे शैतान अब भी जाग जाईये
कश्ती ए वतन डूब ही जाए न दोस्तों
प्यारी हो गर जो आन अब भी जाग जाईये
बेटे का क्या है फर्ज वो सबको यहाँ पता
माँ हो न परेशान अब भी जाग जाईये
डॉ आशुतोष मिश्रा
आचार्य नरेद्र देव कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी
बभनान गोंडा
बहुत ही बेहतरीन रचना...
ReplyDeleteशुभकामनायें आदरणीय-
ReplyDeleteखूबसूरत प्रस्तुति-
कुछ भी हो, अब तो जागना ही होगा।
ReplyDeleteआदरणीय राजीव जी धन्यवाद ..नव वर्ष की हार्दिक शुभ्कमाओं के साथ
ReplyDeleteबेटे का क्या है फर्ज वो सबको यहाँ पता
ReplyDeleteमाँ हो न परेशान अब भी जाग जाईये
वाह ! बहुत ही सुंदर गजल ...!
RECENT POST -: नये साल का पहला दिन.
वाह जी वाह
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