Saturday, 20 August 2011

(BP 66) तोहमत भी लगाते हो तो अन्ना पर लगाते हो

एक  ज़माने बाद एक  बुजुर्ग ने मशाल उठाई है 
देश  की  तरुनाई  को  रौशनी  की किरण  दिखाई  है  
डूबा  है भ्रस्टाचार  में  सरापा  कहते  हुए  
एक  भ्रस्ताचारी  की नही  जवान  लड़खड़ाई  है 
एक बुजुर्ग गांधीवादी  को यूं  भेजकर  जेल  में तुमने     
खुद  को क्या  मर्द  साबित किया है, मर्दानगी दिखाई है
प्यार  के  बोल  कहाँ  समझती  हैं  गोरी-काली  सरकारें  
इसलिए  इस  देश  में आंधी  नहीं  सुनामी  आयी  है 
तुम  लोकपाल  कहते हो  हम  जन  लोकपाल कहते हैं   
जननायक  हो जन से  चिढ़ते  हो भई ये  तो ढिठाई  है    
तोहमत  भी  लगाते  हो तो  उस  अन्ना पर लगाते हो    
जिसने  एक जून  रोटी  खा  हर  शाम  मंदिर  में  बिताई  है  
जनता  के रखवालो  ने पेश की है एक अनूठी  बानगी    
सोते  हुए बच्चों ,  संतों और  औरतों  पे  लाठी   चलाई  है  
कभी  ये नहीं कभी वो  नहीं हर  बात  की मनाही  है      
कभी ये भी सही वो भी सही हर बात  समझ  आयी है        
पाँव  के देखकर  फफोले  अब  वो कुछ यूं बयां  करते  हैं  
राख  में थे  दबे   शोले  चिंगारी  दी   नहीं दिखाई है   
गांधीवादियों  की भीड़  न झुका  पायेगी  तानाशाही  
अगर हकीकत  में गांधीवाद  है,  गाँधी  सी  सच्चाई हैं 

डॉ आशुतोष मिश्र
निदेशक
आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी
बभनान, गोंडा, उत्तरप्रदेश
mobile  न० 98391678

12 comments:

  1. सरकार ने अपनी असलियत दिखाई है।

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  2. सटीक और सार्थक लिखा है ... सबके असली चेहरे दिखाई दे रहे हैं

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  3. देशहित में निष्कर्ष सुखद हों।

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  4. Sir Aapki Ye Rachna Aaj Ki Sachai Prastut Karti Hai. Thanks for such a wonderful creation.

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  5. आस्था और विश्वास से ओतप्रोत सुन्दर रचना !

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  6. aaderniya sangeeta ji praveenji, hari pratapji aaur aaderniya dr sharad ji ..aap sabhi ko hardik dhanyawad..

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  7. सार्थक कविता। कुछ सोचने के लिए विवश करती हुई।

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  8. ये देश का दुर्भाग्य है .. जो निस्वार्थ काम कर रहा है उस पर तोहमत लगती है ... सार्थक चिंतन है आपकी रचना में ...

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  9. सुन्दर, सार्थक रचना आशु भाई...
    सादर बधाई....

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  10. बहुत ही सारगर्भित लेख जन्माष्टमी के अवसर पर शायद अन्ना ही नए अवतार हैं ऐसा लग रहा है ,जनसमूह का समर्थन औए सहयोग और विस्वास जैसा उनको मिल रहा है बस सबकी कोशिश और मेहनत से इस देश का कुछ उद्धार हो जाए बस यही कामना है /बहुत ही सही लिखा एक बूड़े आदमी जो निस्वार्थ भाव से एक बहुत जरुरी मुद्दे पर आवाज उठाई है उसे तीन मिनट में गिरफ्तार कर लिया और कलमाड़ी और कई BHRASHTAACHHARION को गिरफ्तार करने में तीन महीने लगा दिए ,यही है इनकी मर्दानगी / शानदार अभिब्यक्ति के लिए बधाई आपको /जन्माष्टमी की आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं /
    आप ब्लोगर्स मीट वीकली (५) के मंच पर आयें /और अपने विचारों से हमें अवगत कराएं /आप हिंदी की सेवा इसी तरह करते रहें यही कामना है /प्रत्येक सोमवार को होने वाले
    " http://hbfint.blogspot.com/2011/08/5-happy-janmashtami-happy-ramazan.html"ब्लोगर्स मीट वीकली मैं आप सादर आमंत्रित हैं /आभार /

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  11. Yada Yada Hi Dharmasya; Glanirbhawati Bharat! Abhyutthanamadharmasya: Tadatmanamsrijamyaham !!
    ek dam sahi................. satya hai.........
    jinse jamta se sarokar nahi wah hamari sarkar hai,
    bhrastachar desh ke nash nash pe haisari dawai bekar hai, Janlokpal aaye aur bhrastachar ki bimari mit jaae, to ANNA ka jaijaikar hai. Jai Hind

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