Friday, 13 May 2011

(BP 75) BADE AADMI KI PEHCHHAN


बड़े आदमी की पहचान 
एक दिन मेरी लाडली बिटिया मुझसे प्यार से बोली 
पापा मेरी एक पहेली सुल्झायिये 
बड़े और छोटे आदमी का रहस्य बताईये 
मैंने कहा और फरमाइए 
बिटिया छोटा आदमी छोटा है 
बड़ा आदमी बड़ा है 
जैसे सूरज बड़ा है और तारा छोटा है 
बिटिया ने कहा सर घुमाईये 
देख्यिये कैसे एक बड़ा आदमी छोटे को बड़ा बता रहा है 
उसके सजदे में सर झुका रहा है 
तो मैंने भी जबाब को घुमाया 
बिटिया सूरज बड़ा है मगर छोटा है 
तारा छोटा है मगर बड़ा है 
बड़े तारे के आगे एक और बड़ा पड़ा है 
और इस पड़े के आगे एक और खड़ा है 
मतलब जो दिख रहा है वो है नहीं 
और जो है वो दिख नहीं रहा है 
मैंने जब तक गुत्थी सुलझाई 
बिटिया एक और प्रश्न सामने ले आयी 
बोली मुझे मत उल्झायिये 
आदमी आदमी एक समान हैं 
फिर छोटे बड़े की समस्या का क्या समाधान है 
मैंने समझाया ये बहुत आसान है 
बड़े आदमी की कुछ पहचान है 
जो वोलता हो पैर बहुत कम बोले 
बोलना चाहता हो पर मुह न खोले 

सड़क पर आप को देख कर अनजान बन जाए 
पहचान कर भी पहचान न पाए 
अपना काम पड़ने पे मुस्कान ओंठों पे थिरकाए 
काम निकलते ही गुमनाम हो जाए 
जो आपकी दोस्ती के निवेदन को ठुकराए 
आपकी बातों का जवाब देने से कतराए 
ऐसा आदमी ही बड़ा आदमी कहलाये 
बिटिया ने कहा कोई कंफरमेटरी टेस्ट लगाइए 
मैंने कहा पहले दोप्स पर ही आजमाईये   
एक प्यारी सी सौगात हंसती हंसाती गुदगुदाती बात 
या फिर दोस्ती का बढ़ा हुआ हाथ फेस बुक पर लगाईये 
पहचान के नियम सुच सच नजर आयेंगे 
परिणाम आपको मिल जायेंगे 
छोटा छोटा है बड़ा बड़ा है 
या बड़ा छोटा है छोटा बड़ा है 
तमाम प्रश्नों का उत्तर मिल जाएगा 
डॉ आशुतोष मिश्र 
आचार्य नरेन्द्र देव कालेज आफ फार्मेसी बभनान गोंडा 
उत्तर प्रदेश ९८३९१६७८०१
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