Friday, 6 April 2012

(BP 54) चांदनी शब् गुजार दी यूं ही जलकर हमने

हमको दुनिया में ग़मों की ही सौगात मिली
ख्वाइश-ए-गुल थी, खारों की बरसात मिली


चांदनी शब् गुजार दी यूं  ही जलकर हमने
अब्र में चाँद छुपा , तारों की बारात मिली


अपने घर से  मैं बड़ी दूर निकल आया जब
उनके अश्कों से सजी हमको कायनात मिली


एक तमाशा है अभी भी ये सजा-ए- उल्फत
क़त्ल जिसका हुआ उसको ही हवालात मिली


"आशु" दिलदार तेरा यार ,तब यकीन हुआ 
जिक्र आते तेरा जब गुहरों की खैरात मिली  








डॉ आशुतोष मिश्र
आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी
बभनान,गोंडा, उत्तरप्रदेश
मोबाइल न० 9839167801





22 comments:

  1. प्रत्येक पंक्ति में अत्यंत सुंदर भाव हैं....बहुत बढ़िया प्रस्तुति..!!!

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  2. एक तमाशा है अभी भी ये सजा-ए- उल्फत
    क़त्ल जिसका हुआ उसको ही हवालात मि

    ली

    बहुत सुन्दर है यह -पोस्ट आपकी ,अंदाज़ आपके .

    मोहब्बत में कोई मुसीबत नहीं है ,

    मुसीबत तो ये है मोब्बत नहीं है .

    मकतबे इश्क का दस्तूर ,निराला देखा ,

    उसको छुट्टी न मिली जिसने सबक याद किया .

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  3. वाह ...बहुत ही बढिया।

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  4. अपने घर से मैं बड़ी दूर निकल आया जब
    उनके अश्कों से सजी हमको कायनात मिली

    वाह!!!!!!बहुत सुंदर रचना,अच्छी प्रस्तुति........

    MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: यदि मै तुमसे कहूँ.....

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  5. aapke jababon ka bhee jabab nahi ,,behtarin

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  6. एक तमाशा है अभी भी ये सजा-ए- उल्फत
    क़त्ल जिसका हुआ उसको ही हवालात मिली
    waahh kya baat hai.... bahut khub..

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  7. बहुत सुन्दर और प्रभावी अभिव्यक्ति।

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  8. क्या बात है...बहुत बेहतरीन!

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  9. चांदनी शब् गुजार दी यूं ही जलकर हमने
    अब्र में चाँद छुपा , तारों की बारात मिली

    ये शेर ख़ास तौर पर अच्छा लगा।
    बहुत खूबसूरत ग़ज़ल।

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  10. अपने घर से मैं बड़ी दूर निकल आया जब
    उनके अश्कों से सजी हमको कायनात मिली


    एक तमाशा है अभी भी ये सजा-ए- उल्फत
    क़त्ल जिसका हुआ उसको ही हवालात मिली

    wah mishr ji .....vakai bahut hi khoobsoorat gajal likhi hai apne ..badhai sweekaren.

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  11. एक तमाशा है अभी भी ये सजा-ए- उल्फत
    क़त्ल जिसका हुआ उसको ही हवालात मिली
    यह तो कमाल की बात कह दी आपने।

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  12. इसी श्रृंखला kaa अगला लेख पढियेगा -मधु मह रोग में व्रतौर उपवास :हाँ या न ?क्या कहतें हैं माहिर ?
    चांदनी शब् गुजार दी यूं ही जलकर हमने
    अब्र में चाँद छुपा , तारों की बारात मिली
    बारहा पढने को ललचातें हैं ये अश आर .

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  13. बेहतरीन शेर....
    बेहतरीन ग़ज़ल ....

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  14. एक तमाशा है अभी भी ये सजा-ए- उल्फत
    क़त्ल जिसका हुआ उसको ही हवालात मिली

    मधुमेह (रोग )में व्रत और उपवास :हाँ या न !क्या कहतें हैं माहिर .
    मधुमेह (रोग )में व्रत और उपवास :हाँ या न !क्या कहतें हैं माहिर .
    भारतीय एक संस्कार एक धार्मिक कृत्य ,एक कर्म काण्ड के रूप में रखतें हैं फास्ट ,व्रत या उपवास .कुछ निर्जला व्रत रखतें हैं ,पानी भी नहीं पीते व्रत की अवधि में ,कुछ अल्पाहार लेतें हैं और कुछ और कुछ ख़ास चीज़ों से उस दिन दूर रहतें हैं .
    इधर कुछ और लोग एक गैर औषधीय उपाय के तौर पर तौल कम करने के लिए रखतें हैं व्रत .जहां तक माहिरों का सवाल है वह मधुमेह के मरीजों को व्रत रखने के मामले में हतोत्साहित ही करतें हैं .,भले ज़ोरदार तरीके से न कह पायें-' न'. .
    क्या होता है जब मधुमेह से ग्रस्त लोग रख लेतें हैं फास्ट ?
    यहाँ हम कुछेक ऐसे पेचीलापन का ज़िक्र करेंगे जिसकी वजह बन जाता है व्रत और उपवास :
    (१) पेचीदा हो जाता है हाइपो -ग्लाई -सीमिया .ब्लड सुगर एक दम से गिरता चला जाता है और प्रबंधन हो जाता है टेढा .
    (२ ) ब्लड सुगर बहुत ज्यादा बढ़कर भी खडा कर देती है नै मुसीबतें .(हाइपर -ग्लाई -सीमिया ).
    (३) खून में तेज़ाब बढ़ जातें हैं .(कीटो -एसिडोसिस ).बॉडी का एसिड बेस बेलेंस बिगड़ जाता है .
    (४)शरीर में पानी की कमी हो जाती है .धमनिया अवरुद्ध हो जाती हैं (थ्रोम -योसिस ).इस स्थिति में हृद वाहिकीय तंत्र में रक्त तरल से ठोस अवस्था में आने लगता है थक्के धमनी अवरोध की वजह बनने लगतें हैं .
    Thrombosis is a condition in which the blood changes from a liquid to a solid state within the cardiovascular system during life and produces a mass of coagulated blood .(Thrombus).
    Thrombosis in an artery obstruct the blood flow to the tissue it supplies :obstruction of an artery to the brain is one of the causes of a stroke and thrombosis in an artery supplying the heart -coronary thrombosis -results in an heart attack.
    व्रत उपवास के दौरान फ़ूड इनटेक घट जाने से होता है 'हाईपो -ग्लाई -सीमिया :प्राइमरी डायबीटीज़ के २-४ %मामलों में यही मौत की वजह बन जाता है .
    व्रत की अवधि में इसके खतरे का वजन बढ़ जाता है . हाइपोग्लाईसीमिया की चपेट आये मधुमेह ग्रस्त रोगियों पर संपन्न दीर्घावधि रुग्ड़ता (Morbidity)एवं मौरतैलिती (MORTALITY,मृत्यु दर )अध्ययनों में मधुमेह और अन्य पेचीदा स्थितियों यथा परि-हृदय धमनी रोग (Coronary artery disease,CAD) ,दिमाग की रक्त वाहिकाओं में अवरोध (ब्रेन अटेक या स्ट्रोक ) ,किडनी डेमेज (डाय -बेतिक -नेफ्रोपैथी ),स्नायु ,तंतुओं अथवा नसों को होने वाली नुकसानी (डायबेतिक न्यूरो -पैथी ),तथा आँखों के परदे को होने वाले नुक्सान (डायबेतिक रेटिनो -पैथी )में एक अंतर -सम्बन्ध की पुष्टि हुई है .

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  15. रत उपवास की अवधि में मरीज़ दवा की खुराक भी एक दम से घटा देतें हैं बिना डॉ. से पूछे गछे, मकसद होता है हाइपो -ग्लाई -सीमिया से बचना .आ जातें हैं 'हाइपर -ग्लाई -सीमिया' की चपेट में . रोजा , व्रत उपवास आदि खोलने पर कुछ मरीज़ स्टार्च रेशाहीन खाद्यों ,कम रेशे वाली चीज़ों यथा तले हुए आलू ,फलों के बाजारू जूस ,सैगो (Sago)यानी साबूदाना ,कथितउपवास के खाने पर टूट पडतें हैं .नतीजा होता है हाइपर -ग्लाई -सीमिया .
    किन मरीजों के लिए बहुत बढ़ जाता है 'डायबेतिक कीटो -एसिडोसिस 'का ख़तरा :
    मधुमेह के वे रोगी जो बचपन से ही टाइप -१ डायबीतीज़(प्राईमरी डायबितीज़ ,बचपन से ही जन्म के बाद से चली आई मधुमेह )के साथ सहस्तित्व बनाए हें और इनमे से भी खासकर वे जो पूरा नवरात्र व्रत उपवास रखतें हैं या फिर रमजान की पूरी अवधि में रोजा रखतें हैं अपने लिए डायबेतिक कीटोएसिडोसिस का ख़तरा अपने अनजाने ही एक दम से बढ़ा लेतें हैं .इनके खून में तेज़ाब बढ़ जातें हैं ,कीटोन बोदीज़ बहुत हो जातीं हैं .
    यह ख़तरा तब और भी बढ़ जाता है जब ये मरीज़ यह सोचकर अपनी इंसुलिन डोज़ भी घटा लेतें हैं की इन दिनों ये कम खा रहें हैं ,इनका फ़ूड इन -टेक कमतर रह गया है .
    Dehydration and Thrombosis:
    वो मधुमेह के रोगी जो उपवास के दिनों में पानी भी नाप तौल के पीतें हैं सीमित मात्रा में पानी पीतें हैं उनके शरीर में पानी की भी कमी हो जाती है ,हो सकती है .ऐसे में यह कमी गरम और चिपचिपे मौसम में जब पसीना शरीर से खूब चूता है और भी गंभीर रुख ले सकती है .अलावा इसके जिन्हें हाड तोड़ मेहनत करनी पड़ती है उनका भी इस मौसम में यही हश्र होता है .
    अलावा इसके हाईपर -ग्लाई -सीमिया ,इनमें ओस्मोतिक डाय्युरेसिस (ज्यादा पेशाब आना ) की वजह भी बनता है .ऐसे में इलेक्त्रोलाईट बेलेंस और भी गडबडा जाता है .वोल्यूम और इलेक्त्रोलाईट दोनों की कमी बेशी का ये लोग शिकार हो जातें हैं .
    ऑर्थो -स्टेटिक हाइपो -टेंशन का शिकार भी ये लोग हो सकतें हैं .यह वह स्थिति होती है जब अचानक खड़े होने पर आपका ब्लड प्रेशर एक दम से कम हो जाता है .यह ख़तरा उन मरीजों के लिए ज्यादा रहता है जो पहले से ही 'औटोनोमिक न्यूरो -पैथी से ग्रस्त रहतें हैं .
    Autonomic neuropathy means group of symtoms that occur when there is damage to the nerves that manage regular body functions such as blood pressure,heart rate ,bowel and bladder emptying and digestion.
    ज़ाहिर है इस स्थिति में कुछ ख़ास नसों को नुकसान पहुंचता है वो जो रक्त चाप ,दिल की लय और धड़कन ,मलाशय और मूत्राशय के खाली करने में एहम भूमिका में रहतीं हैं .

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  16. Autonomic neuropathy means group of symtoms that occur when there is damage to the nerves that manage regular body functions such as blood pressure,heart rate ,bowel and bladder emptying and digestion.
    ज़ाहिर है इस स्थिति में कुछ ख़ास नसों को नुकसान पहुंचता है वो जो रक्त चाप ,दिल की लय और धड़कन ,मलाशय और मूत्राशय के खाली करने में एहम भूमिका में रहतीं हैं .
    SYNCOPE FALLS:इस स्थिति में मरीज़ के दिमाग तक रक्त की पर्याप्त आ -पूर्ती नहीं हो पाती है और मरीज़ तत्काल बेहोश होकर गिर पड़ता है .
    हड्डी भी टूट सकती है ,चोट भी लग सकती है मरीज़ को हाइपो -वोल्युमिया में .हाइपो -वोल्युमिया माने ब्लड वोल्यूम की कमी .इसी से पैदा हो जाता है संगत लो ब्लड प्रेशर .
    ब्लड की विस्कोसिटी (गाढापन,श्यानता ) शरीर में पानी की कमी होने पर बढ़ जाती है .यही बनती है वजह :थ्रोम्योसिस की ( खून में थक्के बनने से धमनी का अवरुद्ध होना ) .स्ट्रोक का ख़तरा भी यहीं से बढ़ता है .दिल से ही दिमाग तक पहुंचता है खून का थक्का .
    (ज़ारी ...)
    राम राम भाई ! राम राम भाई ! राम राम भाई !

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  17. कमाल की ग़ज़ल ...

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  18. सच में बहुत प्यारा है आपका लेखन.
    चित्त चुराता ,मन को लुभाता हुआ.
    काफी दिनों से आपके ब्लॉग पर नहीं आ पाया.
    इसका अफ़सोस है मुझे.
    अपने ब्लॉग पर भी नहीं लिख पा रहा हूँ.
    आपके निश्छल प्रेम से अभिभूत हूँ,आशुतोष जी.
    कुछ अस्वस्थता और कुछ व्यस्तता के कारण देरी हो गयी.
    माफ़ी चाहता हूँ.
    शीघ्र लिखने का प्रयास करूँगा.
    आपकी दुआ और प्रेम का आकांक्षी
    राकेश कुमार.

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  19. बहुत ही सुन्दर लगी आपकी यह गजल हार्दिक बधाई
    हमारे लिये अपनेपन के अहसास लिये यह दो लाइन

    "अपने घर से मैं बड़ी दूर निकल आया जब
    उनके अश्कों से सजी हमको कायनात मिली"

    हमारी दो लाइन निचे है

    जितनी शिद्दत से जख्म दिए हैं मुझे उसने,
    ऐ अनिश,,,
    इतनी शिद्दत से तो मैंने उसे चाहा भी ना था.

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  20. bahut sundar ek se badhkar ek ashaar bahut umda ghazal daad kabool kijiye.

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  21. अपने घर से मैं बड़ी दूर निकल आया जब
    उनके अश्कों से सजी हमको कायनात मिली
    वाह!

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