Sunday, 5 June 2011

(A1/59) चमड़ी बदली पर न करतूतें पुरानी


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करती जख्मों को हरा फिर नयी कहानी है       
हुक्मरानो की समझ आज भी ब्रितानी है
सोये लोगों पे बरसात लाठियों की ये
करती बस मुल्क की इज्जत को पानी पानी है
देता जो मुल्क था पैगाम बस अमन का ही
आज दुनिया को दी तुहफे में क्या निशानी है
अब भी कुछ बदला नहीं हैं जरा  संभल जाओ
गर न बदलो तो समझ लेना लहू पानी है
जलियाँ बाला वो हमें बाग़ याद फिर आया
चमड़ी बदली तो है करतूत पर पुरानी है
कर गयी   जख्मों   को हरा   फिर ये कहानी 
हिंद    में    रहते,     मगर क्या हिन्दोस्तानी?

सोये लोगों   पे ये बरसात    लाठियों की   क्यूँ
 मुल्क    की इज्जत    हुई   है    पानी       पानी

देता पैगाम-  -अमन मुल्क मेरा दुनिया को
आज दी    दुनिया    को तोहफे  में क्या निशानी 

अब     भी    कुछ    बदला    नहीं   जाओ संभल  

कुछ    नहीं   होगा   लहू      जब    होगा     पानी














कर गयी   जख्मों   को हरा   फिर ये कहानी 
हिंद    में    रहते,     मगर क्या हिन्दोस्तानी?

सोये लोगों   पे ये बरसात    लाठियों की   क्यूँ
 मुल्क    की इज्जत    हुई   है    पानी       पानी


देता पैगाम-ए  -अमन मुल्क मेरा दुनिया को
आज दी    दुनिया    को तोहफे  में क्या निशानी 

अब     भी    कुछ    बदला    नहीं   जाओ संभल  
कुछ    नहीं   होगा   लहू      जब    होगा     पानी

बाग़     जलियाँ     वाला    फिर   से   याद आया
चमड़ी     बदली    पर      न    करतूतें    पुरानी  



डॉ आशुतोष मिश्र
डायरेक्टर
आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी
बभनान, गोंडा, उत्तरप्रदेश
मोबाइल न० 9839167801

7 comments:

  1. Ashu sir, I heard your name by Dr. Ashawat and Seen your profile and interest in Poem, shairee.
    Your archive shown good collection. Real life theme.
    Rais Khan

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  2. Dear Mishra Sir,
    Good morning, It is really a matter of pride to Professional community that the person having deepest interest in such poetry literature. I hope you will be at the pinnacle of this field also.

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  3. RAIS ji
    Hausla afjayee ke liye shukriya.. kisi roj mulakat hogi.. phir baithenge phir baat hogi

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  4. its seem to be a poem which will be once again like

    Saheedo ki majaro pe lage ge har varash mele yahi sahadat ka aakhari nishan hoga................

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  5. hi sir ji
    the poems are really nice.... aap tow bahut acchey shayar hain....abhie bhii itnaa.... power hain.............aap mein....

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  6. Chamri badli par n kartoot purani- phir bhi dil hai hindustani

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